सीएम केजरीवाल को नामांकन दाखिला में 7 घण्टे क्यो लगे ?

नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नामांकन दाखिल करने में रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से जान बूझकर देरी करने के आरोपों पर जिला चुनाव अधिकारी ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि प्रक्रिया में कोई देरी नहीं हुई है। नामांकन भरने की प्रक्रिया ही इतनी लंबी है कि उसमें कम से कम 30 या 35 मिनट का समय लगता है। दरअसल, मंगलवार को करीब 7 घंटे तक इंतजार करने के बाद सीएम पर्चा भर पाए। उल्लेखनीय है कि सोमवार को रोड शो के कारण वह पर्चा नहीं भर पाए थे क्योंकि 3 बजे के तय समय तक जामनगर हाउस में नामांकन पत्र भरने नहीं पहुंच पाए थे।

आधिकारिक बयान के मुताबिक, सोशल मीडिया के जरिये यह सूचना मिली कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के नामांकन में रिटर्निंग ऑफिसर ने जानबूझकर देरी की। इसमें कहा गया है कि एक-एक नॉमिनेशन को 30-35 मिनट में चेक किया गया ताकि प्रक्रिया में देरी हो और सीएम को इंतजार करना पड़े।

सोशल मीडिया पर गलत सूचना बयान के मुताबिक, सोशल मीडिया पर गलत सूचनाएं चल रही हैं और चुनाव आयोग की तरफ से जाबूझकर कोई देरी नहीं की गई है। किसी भी प्रत्याशी को नामांकन भरने के दौरान नामांकन पेपर के चार सेट रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) को देने पड़ते हैं। इसके अलावा फॉर्म-26 के साथ शपथ पत्र और उसका कुछ सपॉर्टिंग डॉक्युमेंट भी प्रत्याशी को देना होता है।

3 बजे शुरू हुई प्रक्रिया निर्वाचन अधिकारी ने आगे कहा कि कुल मिलाकर आरओ को एक प्रत्याशी के 8 से 10 पेपरों के प्रत्येक कॉलम को बारीकी से चेक करना पड़ता है। इस प्रक्रिया के बाद पहले से चली आ रही प्रथा के अनुसार प्रत्याशी को आरओ के समक्ष शपथ भी लेना पड़ता है। नामांकन की आखिरी तारीख के कारण काफी भीड़ थी और 66 उम्मीदवार पर्चा भरने आए थे, इसलिए दोपहर 3 बजे प्रक्रिया ही शुरू हुई।

नामांकन केंद्र पर पर्चा दाखिला के लिए घंटों इंतजार पर आप भड़क गई थी और डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया ने बीजेपी पर साजिश रचने के भी आरोप लगा दिए। सिसोदिया ने आरोप लगाया कि नामांकन के आखिरी दिन केजरीवाल पर्चा दाखिल न कर पाएं, इसके लिए बीजेपी ने 45 निर्दलीय उम्मीदवारों को लाइन में लगा दिया।


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