वाराणसी : विसर्जन के नाम पर खिलवाड़

अंकित मिश्रा की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में जहां प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के द्वारा बड़े-बड़े वादे वह इंतजाम की बात की जाती है वहीं दूसरी तरफ इतनी बड़ी बिडंबना विद्यादायिनी मां सरस्वती का विसर्जन बनारस में इस कदर दर्द में हो रहा है मानो मां कराह रही हो और वह बुला रही हो कि आज वाकई कल युग का युग चल रहा है जिसमें मुझे विसर्जित होने के लिए भी पानी की कमी पड़ रही है एक ऐसा ही नजारा थाना लक्सा के लक्ष्मी कुंड में देखने को मिला दोस्तों आपको आश्चर्य होगा जब इसको धर्म और संस्कृति से जोड़ा जाएगा तो विवाद का कारण बनेगा ! लेकिन हकीकत आपके जमीन तले आपके पैर के नीचे की मिट्टी को घिसका देगा सच को कोई ताबूत की जरूरत नहीं होती और कितने पर्दे दर पर्दे के अंदर रखी हुई सच्च भी अपने एहसास के तले जमीन को खोज लेती है आज इस तरह की विसर्जन मानो वाराणसी के धरती को कलंकित कर रहा है ! और यहां जो बुजुर्ग हैं जो यहां की जनता है उनके मन में एक व्यथा और कष्ट महसूस हो रही है अलग-अलग लोगों से बात करने पर पता चला राजू मिश्र जो यहां के क्षेत्रीय निवासी ने बताया कि क्या इसे विसर्जन बोलते हैं विसर्जन तो बहते हुए धारा के प्रवाह में मूर्ति डालने के अंतर्गत में मिट्टी गल जाती है उसी को ही विसर्जन कहते है ! जब दूसरे व्यक्ति शिवानंद से बात किया गया उन्होंने बताया कि इस तरह के विसर्जन कलंकित करने का भाव है अन्यथा यह एक मजाक व विडंबना का कारण है वही एक बुजुर्ग रामआनंद साहू से बात करने पर उन्होंने बताया कि मेरी 80 वर्ष की जिंदगी में यह पल कलंकित करने जैसा है जो विसर्जन दो वर्षों से देखा जा रहा है जो नगर निगम की जिम्मेदारी है कि भरपूर मात्रा में पानी उपलब्ध कराया जाए विडंबना तो यह है कि नगर निगम खुद ही लचर है और लाचार है ! यह बिल्कुल निराधार है और अस्तित्वहीन है इस तरह किसी परंपरा से छेड़खानी और धर्म के साथ खिलवाड़ कहीं ना कहीं हमारी कमजोरी को दर्शाता है ! और मानव संस्कृति और समाज की धरोहर को छीनने का काम कर रहा है जहां हमारा समाज विकृतियों का शिकार हो रहा है वहीं दूसरी तरफ हमारी बनाए गए प्रकृति के उसूलों को कानूनी कार्रवाई के द्वारा छेड़छाड़ कर उसको अंतरंग को कमजोर करने का काम जिला प्रशासन के द्वारा किया जा रहा है ! पानी इतनी भी नशीब नही की मिटटी गल सके तो क्या विसर्जन ! एक ऐसा सच जो मानो जो मूर्तियां विसर्जन के लिए अंदर डाली गई कुछ समय बाद वही मूर्ति निकाल कर बाहर है दिया गया और वह कल भी नहीं सकी ऐसा ही विसर्जन देखने को मिला जिला वाराणसी में !!


फेसबुक पेज

अन्य समाचार