500 से 1000 की नोट मोदी सरकार ने किया बन्द, यहाँ जाने क्यों बन्द हुआ?

ऐसा करने से एक साथ बैंको में खरबो रूपये जमा हो जायेगा, जिससे देश की अर्थ ब्यवस्था मजबूज होने के साथ ही भ्रस्टाचार पर भी अंकुश लगेगा

नई दिल्ली। मोदी सरकार का काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ किये गये सर्जिकल स्ट्राइक का देश की अर्थव्यवस्था पर दूरगामी असर होगा। यह कदम अगर भारत की छवि दुनिया में एक पारदर्शी अर्थव्यवस्था के तौर पर स्थापित करेगा तो साथ ही यह देश में कई उत्पादों की कीमतों को कम करने में मदद करेगा।

जानकारों की माने तो यह कदम भ्रष्टाचार की गढ़ बने उद्योगों मसलन रियल एस्टेट और सर्राफा बाजार में बड़े सुधार का एजेंडा तय करेगा। सरकार के लिए महंगाई कम करने में मदद मिलेगी। साथ ही देश के दुश्मन जो आतंकी संगठनों को वित्तीय मदद कर रहे थे या नकली नोट छाप कर जो भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने छद्म युद्ध चला रहे थे उन्हें भी अब मुंह की खानी पड़ सकती है।

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देश के प्रमुख बैंकर व आर्थिक मामलों में सरकार की कई समितियों की अध्यक्षता करने वाले दीपक पारिख का कहना है कि, 'यह आजादी के बाद सबसे बड़ा सुधारवादी फैसला है। इससे भ्रष्टाचार पर सबसे बड़ा प्रहार होगा जो आम जनता को कई तरह से फायदा पहुंचाएगा। मसलन, यह रियल एस्टेट की कीमतों को घटाने में मदद करेगा।'

काले धन को खपाने का सबसे बड़ा केंद्र है रियल एस्टेट

सरकार की तरफ से गठित तीन समितियों ने देश में काले धन को खपाने के लिए रियल एस्टेट को सबसे बड़ा केंद्र बताया था। लेकिन अब काला धन रखने वालों के लिए अब बड़ी मात्रा में पैसा जमा करना मुश्किल होगा। इससे जो बने हुए मकान हैं और जिनके खरीदार नहीं मिल रहे हैं उनकी कीमतें घटेंगी।

पीएमओ की तरफ से जो भी सूचना दी गई है उसमें बताया गया है कि देश में मकान खरीदना, उच्च शिक्षा हासिल करना और स्वास्थ्य सेवा लेना आम जनता के बूते में होगा। सरकार ने यह इसलिए कहा है कि उक्त तीनो क्षेत्रों के निजी क्षेत्रों में अब काले धन का सृजन होना काफी मुश्किल हो जाएगा। साथ ही यह भी देखा गया है कि देश के दुश्मन बड़े नोटों के नकली संस्करण को छाप कर भारतीय अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की कोशिश में रहते हैं। अब इनके लिए यह काम बेहद मुश्किल हो जाएगा।

हर साल 10 हजार करोड़ रुपये के नकली नोट छापता है पाकिस्तान

भारतीय खुफिया एजेंसियों ने वर्ष 2014 में एक डोजियर तैयार किया था जिसमें यह कहा गया था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी हर वर्ष 10 हजार करोड़ रुपये का नकली नोट छापती है उसे नेपाल, थाइलैंड व अन्य रास्तों से भारत में भेजती है। इसका एक बड़ा हिस्सा आतंकियों को दिया जाता है। वित्त मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक सरकार का यह कदम देश की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने में भी मददगार साबित होगा। सरकार का राजस्व बढ़ेगा क्योंकि कई तरह के उद्योगों के लिए अब राजस्व को छिपाना मुश्किल होगा। राजस्व बढने से वित्तीय घाटे को कम करने में भी मदद मिलेगी। इससे भी ज्यादा अहम यह है कि अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार रोधी सूचकांक में भारत का स्थान बेहतर होगा। अभी भारत इस सूचकांक में बहुत ही नीचे है।


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