ग्राम विकास अधिकारी सदाशिव सिंह ने किया लाखो का घोटाला नही हो रही कार्यवाही

केंद्र सरकार की सारी योजनाये फेल, नही दिखा एक भी बोर्ड एक ही कार्य के नाम को बदलकर कई बार उतारते है पैसे

बीडीओ व् डीडीओ कार्यवाही को लेकर कर रहे हिला हवाली

विवेक सिंह ब्यूरो रिपोर्ट

मऊ: परदहां ब्लॉक में कार्यरत ग्राम विकास अधिकारी सदाशिव सिंह ने अपने केवल दो वर्षो के कार्यकाल में नरेगा में किया 40 लाख का घोटाला ।

आपको बता दे कि यह ग्राम विकास अधिकारी करीब दस वर्षो से ग्राम पंचायत हरदसपुर, मानपुर, पिजड़ा, नियामत, बागली , भार, पिपरीडीह , रेकवारेडीह आदि ग्राम पंचायतो में कार्यभार मिलने के नाते गाव की स्थितियों से भाली वाक़िब होने के नाते यह गावो में विकास संबंधी मद में जितने भी रुपये निकाले गये है। उसमे अधिकतम रुपयो को स्वयं हजम कर गये है।

स्थानीय निवासी राजेश, पप्पु, विक्रांत, आदित्य आदि ने बताया कि यह नरेगा संबंधी अधिकतम कार्यो को केवल कागजी कोटा पूर्ती करते हुये । क्योकि कोई भी कार्य कराने से पुर्व उसके कार्य के विवरण में उस स्थान का नाम दिया जाता है जिस स्थान के प्रारम्भ से लेकर अंत तक किसी न किसी स्थानीय ब्यक्ति का नाम भी दर्साया जाता है। लेकिन यह क्या करते है कि केवल उन्ही नामो को बदल कर पुनः दुसरी फ़ाइल बनाकर पैसे उतार लेते है।

कैसे उतारते है मनरेगा संबंधी अवैध रुपये
एक ही कार्य के नाम को बदलकर कई बार उतारते है पैसे

आपको बता देना चाहता हूँ जब कोई कार्य मनरेगा संबंधी किया जाता है तो जॉब कार्ड धारक मजदूरो के कार्ड क्रमांक की फीडिंग के उपरान्त ही उतरता है। यह क्या करते है कि गाव में अधिकतर ऐसे जॉब कार्ड धारक मिलेगे जो कभी रोड पर कार्य करते हुये नही दिखाई देते है। उन सभी जॉब कार्ड धारको के कार्ड अपने पास स्वयं रखते है । इन्ही कार्डो की फीडिग कराते है और जब पैसा जॉब कार्ड धारको के एकाउंट में आ जाता है तो इन जॉब कार्ड धारको को 10 से 15 प्रतिशत देकर सारे पैसे हजम कर जाते है। यह खेल केवल इस ग्राम विकास अधिकारी तक ही नही सिमित है बल्कि खंड विकास अधिकारी से लेकर जिला विकास अधिकारी तक कमीशन खाने में शामिल रहते है।

केंद्र सरकार की सारी योजनाये फेल, नही दिखा एक भी बोर्ड

एक तरफ केंद्र सरकार गावो के विकास के लिये करोडो रुपये भेजती है लेकिन यहाँ तो गावो के विकास के सम्बन्ध में आये धन को ग्राम विकास अधिकारी ने स्वयं विकास में खर्च कर दिये। यदि सेक्रेटरी सदाशिव सिंह ने गावो में कार्य कराया होता तो गाव की जनता को पता चलता क्योकि कार्य योजना कार्य कराने से पूर्व बोर्ड भी लगाया जता है। तो गावो में कार्य संबंधी बोर्ड तो दिखना चाहिये। लेकिन बोर्ड दिखेगे कैसे जब कार्य हुआ ही नही है।

गावो के विकास के लिये पेड़ पौधे भी केंद्र सरकार की योजनाओ में शामिल लेकिन नही लगा एक भी पौधा

गावो के विकास के प्रति वर्ष केंद्र से पेड़ पौधे लगाने के नाम पर भी पैसे ग्राम प्रधान निधि में आता जिसका संचालन भी इसी ग्राम विकास अधिकारी द्वारा किया जाता है ताकि बढ़ते प्रदूषण को रोका जा सके।और जलवायु पर नियंत्रण पाया जा सके। लेकिन यह भ्रष्ट ग्राम विकास अधिकारी इन पैसो को भी हजम कर गये।

क्या कहते है अधिकारी

जब इस भ्रष्ट ग्राम विकास अधिकारी के बारे में व् इनके कार्यो के बारे में परदहां ब्लॉक के खण्ड विकास अधिकारी कुँवर वीरेंद्र मौर्य से बात की गयी। तो यह ब्यस्त होने का बहाना हुए पल्ला झाड़ते दिखे वही जब जिला विकास अधिकारी के कार्यवाहक पद पर तैनात हरिचरण सिंह से बात कि गयी तो यह बीडीओ के ऊपर अपना पल्ला झाड़ते नजर आये।

क्यों नही हो रही कार्यवाही

इन सारे घोटालो में कही बीडीओ से लेकर जिला विकास अधिकारी भी तो शामिल नही ! यह एक प्रश्न चिन्ह बनकर रह गया।


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