जिस थाने को सजाया उसी में लिखी गयी हत्या की FIR

इन्ही छोटे मोटे खर्चो के चलते अपराधियों के निगाह में चढ़ा हीरो एजेंसी मालिक सेठ विनोद

खौफज़दा घटना से थानों और चौराहों को कैसे सजाएगे ब्यापारी, डाक्टर और ठेकेदार

सरकार टैक्स से लेकर गुण्डा टैक्स पे करने को मजबूर होगे ब्यापारी - आनंद ओमर व्यापारी नेता

इनसाइड स्टोरी फ़ास्ट इण्डिया न्यूज़

मऊ | उसे क्या पता था ? कि जिस थाने व् चौकी को वह सजा रहा है वही उसकी सुरक्षा में नाकाम रहेगा और उसी थाने में उसकी इबारत (FIR) लिखी जायेगी| जी हां ये उस ब्यापारी की दास्ताँन है जो कि अपनी कमाई से सरकार को हर तरह की टैक्स पे करता है और जरूरत पड़ने पर अपने बच्चो की खुशियों को नजर अंदाज करते हुए कुछ अधिकारियों की सलाह पर सरकारी बिल्डिगो और चौराहों को सजाता है | साथ ही जब उससे गुण्डा टैक्स मागा जाता है तो यह उन्ही अधिकारियों से अपनी सुरक्षा की गुहार लगाता है | लेकिन लाल फीता साही के चलते उसकी सुरक्षा करने में सरकारी तंत्र नाकामयाब रहता है |और उसे एक दिन उसे गुण्डा टैक्स की नाफ़रमानी के वजह से सरे राह मौत के घाट उतार दिया गया | ये कहानी नहीं हकीकत है ........!

गौरतलब हो कि अभी बीते 24 घंटे पहले चिरैयाकोट थाना अन्तर्गत युसुफाबाद निवासी हीरो एजेंसी मालिक सेठ विनोद कुमार वर्मा पुत्र शरद कुमार वर्मा की अज्ञात हमलावरों ने पुलिस की सूचना के अनुसार 10:45 के लगभग गोली मारकर हत्या कर दी। जब वह अपनी कार से एजेंसी से होकर कही जा रहे थे कि थाने से महज कुछ दूरी स्थित खरिहानी मोड़ पर कुछ अज्ञात हमलावरों ने उन्हें घेर कर गोलियों से भून दिया| जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गयी | प्रत्यक्ष दर्शियो की माने तो उनकी गाडी के लाक को तोड़कर उनको निकाला गया और स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया जहा डाक्टरों ने उनकी मौत की पुष्टी कर दी थी |
इस सम्बन्ध में मऊ के तेज तर्रार पुलिस अधीक्षक शिव हरी मीना से इस घटना के बाबत फास्ट इण्डिया न्यूज को बताया कि इस मामले में विभागीय जाच बैठाने के साथ ही थानाध्यक्ष संदीप सिंह को तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया है |
वही पुलिस अधीक्षक ने 24 घंटे बीत जाने के बाद भी किसी गिरोह या ब्यक्ति के जानकारी होने की बात से अनभिज्ञता जतायी | पीड़ीत के परिजनों द्वारा अज्ञात में तहरीर मिलने की बात को बताया....
वही ब्यापारी नेता आनंद ओमर ने पूरे पुलिस सिस्टम को ही कटघरे में खडा करते हुए कहा कि उस लापरवाह थानाध्यक्ष के खिलाफ हुयी कार्यवाही से व्यापारी वर्ग संतुष्ट नहीं है उसे पुलिस विभाग से वर्खास्त करने की व्यापारियों की है मांग | इस मुद्दे पर मऊ से लखनऊ को एक कर देगे व्यापारी |
शायद मऊ के पुलिस अधीक्षक प्रदेश सरकार की तरह उस उम्मीदों की साईकिल पर सवार है कि अपराधी आयेगे और अपनी गुनाहों को कबूल कर लेगे और मऊ पुलिस के अच्छे दिन आ जायेगे| जिस तरह से ऐसे ही कानून व्यवस्था के मामले में सपा सरकार 2017 में पुनः सत्ता में आने का ख़्वाब देख रही है |


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