यह जीत मेरी नही घोसी की जनता की जीत हुई है :सुधाकर सिंह नवनिर्वाचित विधायक

जातिगत आधार पर दारा व ओमप्रकाश राजभर किसी भी पार्टी में सीट के लिए बनाते है दबाव

घोसी की जनता ने दिया बड़ा संदेश, अब नही चलेगी दलबदलुओं की राजनीति

फ़ास्ट इंडिया न्यूज ब्यूरो

मऊ। उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के घोसी विधानसभा उपचुनाव में सपा प्रत्यासी सुधाकर सिंह विजयी हो लगभग 42 हजार अधिक मतों से विजयी हुए हैं। ईवीएम के मतगणना के 33वे राउंड के आधार पर सपा के सुधाकर सिंह को 124295 प्राप्त हुए है वही दूसरी तरफ भाजपा के दारा चौहान को 81629 मत प्राप्त हुए इस प्रकार 42672 अधिक मत पाकर सुधाकर सिंह विजयी हो चुके।

आपको बता दें की घोसी उपचुनाव एक ऐसा यूपी का उपचुनाव रहा। जिसमें योगी सरकार की पूरी मंत्रिमंडल सहित दोनों उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक व केशव प्रसाद मौर्य चुनाव प्रचार में लगातार कैम्प करके चुनाव प्रचार कर रहे थे।लेकिन इसके बावजूद सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह को ऐतिहासिक जन समर्थन मिला। जिससे पूरे प्रदेश सहित केंद्र की मोदी सरकार तक इंडिया बनाम एनडीए का बड़ा संदेश चला गया है। जिसमें भाजपा की बुरी तरह हार हुई है।

दलबदलू नेता दारा चौहान को जनता ने सिखाया सबक
आपको बता दें कि एनडीए बनाम इंडिया चुनाव में सबसे बड़ा बात यह रही।की दारा ने सपा से विधायक की इस्तीफा देने के बाद पुनः 16 महीने बाद ही भाजपा से चुनाव लड़ा।
जिससे घोसी की जनता नाराज रही और इसे इस बार बाहरी बनाम लोकल के नाम पर चुनाव जनता ने स्वयं लड़ा। भाजपा के मंत्री विधायक सांसद यहां तक की भोजपुरी स्टार मनोज तिवारी से लेकर निरहुआ व रवि किशन तक ने रोड शो करके चुनाव प्रचार किया। लेकिन इसका असर जनता पर तनिक भी नहीं दिखा। जनता का पैसा सरकार ने पानी की तरह जरूर बहाया लेकिन परिणाम यही निकल कर आया कि इस बार दलबदलों की नहीं चलेंगी ।
क्योंकि दलबदलुओं ने एक ट्रेंड बना रखा था कि किसी भी पार्टी में जाएंगे और सरकार के समर्थन से चुनाव लड़कर जीत जाएंगे।
लेकिन इस बार घोसी की जनता ने इन दल बदलू नेताओ को ऐसा सबक सिखाया है कि दोबारा ऐसी हरकत करने से पहले 100 बार सोचेंगे और वही पार्टी के हाई कमान भी ऐसे लोगों को टिकट देने से कई बार विचार करेगी।
ऐसे में अब दलबदलू दारा चौहान और ओमप्रकाश राजभर के साख भी नहीं बची है जो अपने जातिगत आंकड़ों के आधार पर सरकार को सीट लेने के लिए और चुनाव लड़ने के लिए विवश कर देते थे।
लेकिन घोसी की जनता ने इस बार ऐसा मतदान किया है की दारा चौहान और ओमप्रकाश राजभर की खटिया खड़ी हो गई है। क्योंकि इन दलबदलुओं ने ऐसी राजनीति का पहलू बना दिया था कि ना तो विकास की बात होती थी ना रोजगार की बात होती थी ना ही महंगाई की बात होती थी। चुनाव में केवल जातिगत आंकड़ों के आधार पर ही चुनाव पार्टियां लड़ रही थी। ऐसे में इनको इस बार जनता ने ऐसा सबक सिखाया है कि बार-बार अब जाति के आधार पर चुनाव लड़ने वाले ऐसे नेताओं की समाज में कोई इज्जत नहीं रहेगी। क्योंकि योगी सरकार ने पूरी ताकत के साथ दारा को चुनाव जीतने का प्रयास तो किया लेकिन मंत्रियों व विधायको की फौज को अपने मुंह की खानी पड़ी।
मैंने नही घोसी की जनता ने स्वयं चुनाव लड़ा है यह जीत घोसी की जनता को समर्पित है: सुधाकर सिंह

वही सुधाकर सिंह ने इस जीत को घोसी की जनता को समर्पित किया है और कहा है कि यह चुनाव मैं नहीं घोसी की जनता ने स्वयं लड़ा है । जिसमें सभी वर्ग समुदाय ने मुझे खुलकर मतदान किया है जिसका परिणाम है कि आज मेरी नहीं घोसी की जनता जीत हुई है।


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