शिक्षक वेतन को करते रहे त्राहिमाम त्राहिमाम चैन की नींद में सो रहे अधिकारी

जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों की मनमानी के शिकार है शिक्षक

फ़ास्ट इंडिया न्यूज डेस्क

दरभंगा. दरभंगा जिला शिक्षा विभाग के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि वेतन का आवंटन रहने के बाबजूद शिक्षकों के वेतन भुगतान में तैयस दिन से ऊपर का समय लग गया हो। पहले अनुपस्थिति विवरणी के जांच के नाम पर फिर मेल के नाम पर वेतन को लटकाना जैसे आम बात हो गई हो। एक ओर शिक्षक जहाँ त्राहिमाम त्राहिमाम कर रहे है वही दुसरी ओर शिक्षा विभाग के पदाधिकारी चैन की नींद सो रहे है। बात यहां तक पहुंच गई है कि शिक्षकों के पास अपने लिए दो वक्त की रोटी तक का जुगाड़ नही हो रहा है विवश होकर बीमार माता पिता को तड़पते छोड़ वे अपने कार्यो में लगे है। अब ऐसे में यह एक बड़ा प्रश्न है कि आखिर शिक्षकों से शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के द्वारा किस बात का बदला लिया जा रहा है। क्या शिक्षकों को भूखा रखकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कल्पना को पूरा किया जा सकता है? ये सभी आरोप लगाते हुए टीईटी एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोपगुट में जिला शिक्षा कार्यालय पर प्रश्नचिह्न लगाते हुए मांग किया है कि शिक्षा विभाग अपनी कार्यशैली में सुधार लाये और शिक्षकों को परेशान करने की नीयत पर रोक लगाए वरना इसका खमियाजा विभाग को भुगतना होगा। संघ के जिला कोषाध्यक्ष शिबली अंसारी एवं जिला सचिव राजीव पासवान में संयुक्त रूप से बयान जारी करते हुए कहा है कि एकओर शिक्षा मंत्री प्रत्येक 11 तारीख को भुगतान करने की बात करते है तो दूसरे ओर दरभंगा का शिक्षा महकमा अपने तानाशाही रवैये पर उतरकर शिक्षकों को परेशान करता है। यह बेहद ही शर्म की बात है कि शिक्षकों के वेतन भुगतान का मजाक उड़ाया जा रहा है। शनिवार को ही बिल बैंक में जमा करवा देने के बाद भी अभीतक मेल के नाम पर खेल खेला जा रहा है। जिला शिक्षा पदाधिकारी के स्तर से शिक्षकों पर कर्रवाई तो त्वरित की जाती है लेकिन जब उनके मूलभूत सुविधाओ की बात आती है तो उनके द्वारा चुप्पी साध ली जाती है। अगर दो दिनों के भीतर भुगतान नही होता है तो शिक्षक शोषणकारी नीतियों के विरुद्ध मोर्चा खोलते हुए प्रदर्शन को बाध्य होंगे जिसकी सारी जबाबदेही शिक्षा विभाग की होगी।


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