क्या पुनः पूर्व भ्रष्ट PNP सचिव करायेगा UPTET की परीक्षा , अवश्य पढ़े पूरी खबर

69000 शिक्षक भर्ती में भी परीक्षा से पूर्व कराया था पेपर लीक और लाखों रुपये लेकर अयोग्य अभ्यर्थियों का बढ़ाया था नम्बर

उसी भ्रष्ट सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी को पुनः बनाया गया PNP प्रयागराज का सचिव

फ़ास्ट इंडिया न्यूज ब्यूरो

लखनऊ।उत्तर प्रदेश की योगी सरकार भ्रष्ट अधिकारियों के चंगुल में पूरी तरह से फंस चुकी है। जी हां आपने सही सुना विगत दिनों UPTET का पेपर लीक होने से योगी सरकार ने पूरी UPTET परीक्षा को ही रद्द कर दिया था। अभी तक परीक्षा कराने की तिथि का ऐलान नहीं हुआ है कि इसी बीच परीक्षा नियामक प्राधिकरण प्रयागराज के सचिव संजय उपाध्याय को सरकार ने निलंबित कर दिया साथ ही पुलिस इन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

वही सबसे बड़ी हैरानी वाली बात यह है कि जिस पूर्व परीक्षा नियामक प्राधिकरण सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी पर 69000 शिक्षक भर्ती में परीक्षा कराने से पूर्व पेपर लीक होने सहित अयोग्य अभ्यर्थियों से लाखों रुपए लेकर उनका परीक्षा में नंबर बढ़ाकर नौकरी दिलाने सहित कई गंभीर आरोप लगे थे उसे पुनः परीक्षा नियामक प्राधिकरण प्रयाराज का सचिव बना दिया गया है। क्या ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के चंगुल में योगी सरकार पूरी तरह फस चुकी है तो प्रश्न का उत्तर यही आता है जी हां! क्योंकि इन दिनों भ्रष्ट अधिकारी सपा सरकार बनने का इंतजार कर रहे हैं और घात लगाए अपना काम अंदर ही अंदर कर रहे हैं। पीएनपी के नए सचिव के रूप में पूर्व सचिव अनिल भूषण चतुर्वेदी को बनाया जाना यह एक बहुत ही बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण खबर है। क्योंकि ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के कारण योग्य अभ्यर्थी नौकरी से वंचित रह जाते है और अयोग्य अभ्यर्थी ऐसे अधिकारियों से सेटिंग कर नौकरी हासिल कर लेते है।

सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि क्या योगी सरकार के पास अब ईमानदार अधिकारी नहीं रह गए हैं जिनको ऐसे महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति किया जा सके । कहने को तो योगी सरकार बड़े-बड़े दावे करती रही है कि हमारी भ्रष्टाचार मुक्त सरकार रही है। लेकिन आज के दौर में पूरी तरह यूपी में भ्रष्टाचार का बोलबाला है किसी भी कार्यालय में बिना पैसे का कोई भी काम नहीं होता है। जब तक अधिकारी की मांग पूरी नहीं करेंगे तब तक ना तो कोई कार्य होगा ना तो कोई फाइल आगे बढ़ेगी। ऐसे में आम जनता भी योगी सरकार से अब त्रस्त हो चुकी है । क्योंकि भ्रष्ट अधिकारियों पर योगी सरकार का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है। भ्रष्ट अधिकारी अपने मनमाने गति से ही काम कर रहे हैं। देखना यह होगा कि क्या 2017 की तरह 2022 विधानसभा चुनाव में भी भाजपा अच्छी सीटें हासिल करने में कामयाब हो पायेगी या 5 साल में योगी सरकार के कार्यकाल में जो भ्रष्टाचार और युवाओं के साथ धोखा हुआ है उसका असर 2022 विधानसभा के चुनाव के ऊपर भी पड़ेगा ।

नीचे देखिए 69000 शिक्षक भर्ती के दौरान हुए भ्रस्टाचार से सम्बंधित कई अखबारों में प्रकाशित खबरों की कटिंग व लिंक https://youtu.be/OWoeGTfaqTE


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