अधिकारियों की लापरवाही के शिकार है किसान

फ़ास्ट इंडिया न्यूज ब्यूरो

मऊ।शासन की तरफ से शुरू की गई गेहूं खरीद योजना का लाभ किसानों को मिलता नजर नहीं आ रहा है। विभाग की तरफ से किसानों से गेहूं खरीद करने के 72 घंटे में भुगतान आरटीजीएस के माध्यम से उनके खातों में हस्तांतरित करने का प्रावधान है। लेकिन कोपागंज ब्लाक क्षेत्र के कसारा स्थित साधन सहकारी समिति पर किसानों का लाखों बकाया चल रहा है। 85 किसानों से 64 लाख 66 हजार 290 रूपये का गेहूं खरीदा गया। 23 किसानों का 21 लाख रुपये का भुगतान किया जा सका है। एक माह से 62 किसानों का लगभग 43 लाख रुपये बकाया चल रहा है। इससे किसानों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है।

किसानों को फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए शासन की तरफ से गेहूं खरीद योजना शुरू की गई है। किसानों को तीन दिनों के अंदर भुगतान किए जाने का नियम है। लेकिन बावजूद इसके किसानों को धनराशि खातों में नहीं भेजी जा रही है। योजना का सही तरीके से क्रियान्वयन न होने से आढ़तियों की खूब चांदी कट रही है। वह किसानों की फसल को औने पौने दाम में खरीद रहे हैं। जिन किसानों ने सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं बेचा है। वह भुगतान के लिए क्रय केंद्रों से लेकर अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर काटने को विवश हैं। यहाँ तक कि एक किसान ने बताया कि उसके घर मे कल ही शादी है लेकिन उसके बेचे गए गेंहू का भुगतान नही होने से दूसरे से कर्ज तक लेना पड़ा।

यही नही खेती के लिए बीज से लेकर खाद तक कि समस्या उतपन्न हो गई है कि आगे की खेती कैसे करे। इस बाबत सहकारी समिति कसारा के सचिव श्रवण राजभर का कहना है कि चुनाव के चलते भुगतान में समस्या आई है। शीघ्र ही किसानों के खाते में धन भेज दिया जाएगा।


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