मोदी सरकार SC,ST व तीन तलाक की तरह, श्री राम मंदिर बनाने का भी कानून क्यो नही कर रही पास

आम जनता के मुंह का बना हुआ है यह प्रश्न

सम्पादकीय
विवेक कुमार सिंह

जैसा की आप सभी जानते हैं 25 नवंबर 2018 को अयोध्या चलो अभियान के नाम से हिंदू संगठन सभी सक्रिय हो गए हैं सभी हिंदू संगठनों का मानना है कि 25 नवंबर को अयोध्या में श्री राम मंदिर बनाने को लेकर एक बहुत बड़ा धर्म सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत जी ने पहले ही भाजपा सरकार को खुले मंच से यह कह डाला है कि अयोध्या में राम मंदिर बनाना होगा चाहे भाजपा सरकार इसके लिए संसद से कानून पास करें या जो रास्ता अपनाएं लेकिन अयोध्या में राम मंदिर बनना चाहिए ।

श्री भागवत के घोषणा के बाद सभी हिंदू संगठन विश्व हिंदू परिषद , हिंदू युवा वाहिनी, बजरंग दल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व समस्त भारत के हिंदू संगठन राम मंदिर बनाने की योजना बना रहे हैं। जिसको लेकर भारत के उत्तर प्रदेश सहित अन्य कई राज्यों में भी तरह-तरह की बैठक कर चर्चाएं चल रही है। लेकिन वहीं भाजपा के कार्यकर्ताओं में भी यह असमंजस बना हुआ है कि भाजपा सरकार इस समय प्रदेश से लेकर केंद्र में अच्छी स्थिति में है और मोदी जी के संरक्षण में जिस प्रकार तीन तलाक व sc-st मुद्दे में संसद से कानून पास किया गया ठीक उसी प्रकार क्यों नहीं राम मंदिर मुद्दे को भी पास कर दिया जा रहा है। ताकि राम मंदिर बनाने के लिए न हिंदू संगठनों को कोई समस्या हो न मुस्लिम संगठनों को भी कोई समस्या उठानी पड़े और श्री राम मंदिर अयोध्या में आसानी से बन जाए आपको बता दें आम जनमानस में अब ये चर्चाएं आम हो गई है कि मोदी सरकार तीन तलाक व एस सी एस टी को लेकर जितनी तत्परता दिखाई ठीक उसी प्रकार क्यों नहीं हमारे हिंदू धर्म के आस्था के प्रति भगवान श्री राम की मंदिर बनवाने के लिए एक अध्यादेश संसद से पारित कर रहे हैं आखिर क्या वजह है कि राम मंदिर बनाने के लिए जब चुनाव आता है तभी चर्चाएं तेज होती हैं क्या हमारे भगवान के लिए इतने वर्षों तक मंदिर बनाने के लिए इंतजार करना पड़ेगा जबकि सभी जानते हैं कि भगवान श्रीराम का जन्म अयोध्या में ही हुआ था और आज भी भगवान श्री राम की मंदिर अयोध्या में नहीं बन पायी। भाजपा की सरकार जब केवल चुनाव आता है तभी इनको भगवान श्री राम क्यों याद आते हैं हमारे भगवान श्री राम भाजपा के लिए इतना ही प्रिय है तो जिस प्रकार एससी एसटी व तीन तलाक जैसे गंभीर मुद्दों पर कानून पास किया ठीक उसी प्रकार श्री राम मंदिर के लिए भी कानून क्यों नहीं पास कर रहे हैं। आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने श्री राम मंदिर व बाबरी मस्जिद मुद्दे को लेकर यह बयान दे चुके हैं कि सरकार यदि चाहे तो इस मसले को संसद से एक कानून पास कराकर हल कर सकती है क्योंकि कोर्ट जब तक सभी मुद्दों को सुन नहीं लेती व सही ढंग से समझ नहीं लेती तब तक कोई भी सही निर्णय नहीं दे पाएगी यदि सरकार चाहे हिंदुओं के आस्था के प्रतीक श्री राम की मंदिर बनाना तो वह एक अध्यादेश पारित कर सकती है अब आपको हम बता दें भाजपा की सरकार बनने में संघ की बहुत बड़ी भूमिका होती है और खुले मंच से आर एस एस प्रमुख श्री मोहन भागवत जी ने यह घोषणा कर चुके हैं की अयोध्या में अब श्री राम मंदिर बनना चाहिए चाहे सरकार इसके लिए जो प्रयत्न करना है करें , लेकिन अभी तक केंद्र की मोदी सरकार वह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इस मुद्दे पर अभी तक अपना कोई बयान नहीं दिए हैं ।

आखिर क्यों देश के प्रधानमंत्री तीन तलाक sc-st जैसे छोटे मुद्दों को लेकर संसद में कानून पास करा देते हैं लेकिन हिंदुओं के आस्था के प्रतिक भगवान श्री राम की मंदिर बनाने के लिए अभी तक क्यों नहीं कोई कानून बनाया गया।

आम जनता के मुंह से सुनने को मिल रहा है आखिर ऐसा हो भी क्यों ना क्योंकि राम मंदिर बनाने को लेकर हजारों की संख्या में हिंदू भाई बहन लहूलुहान होते चले आ रहे हैं लेकिन अभी तक इस मुद्दे पर कोई सही फैसला सरकार ने नहीं लिया अब तो जनता यह भी कह रही है भाजपा की सरकार श्री राम मंदिर को लेकर केवल चुनाव लड़ने आती है और जैसे ही चुनाव जीत जाती है उनका यह मुद्दा ठंडे बस्ते में चला जाता है और जैसे ही फिर चुनाव शुरू होता है श्री राम मंदिर मुद्दे को उछाल दिया जाता है आपको बता दें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ जी श्री राम मंदिर मुद्दे को लेकर कई बार खुले मंच से कह चुके हैं अयोध्या में श्री राम मंदिर अवश्य बनेगा लेकिन जनता वही योगी जी से प्रश्न कर रही है कि आखिर कब बनेगा ? कहीं ऐसा तो नहीं लोकसभा चुनाव को लेकर महज दिखावा है चुनाव आते ही राम मंदिर मुद्दे को उछाल दिया गया है और जैसे ही लोकसभा चुनाव 2019 बीत जाएगा । वैसे ही यह मुद्दा ठंडे बस्ते में चला जाएगा ।
अब देखना यह होगा कि क्या हिंदू युवा वाहिनी के संगठन कर्ता व यूपी के सीएम श्री योगी आदित्यनाथ जी हिंदुओं के आस्था के प्रतिक श्री राम मंदिर बनाने को लेकर जिस प्रकार से खुले मंच से अपना भाषण दे रहे हैं उसी प्रकार से और उतनी ही तेज गति से क्या श्री राम मंदिर बनाने की योजना की भी बना रखी है या इनके भी भाषण महज दिखावा ही है । वहीं यूपी के हिंदूवादी संगठन 25 नवंबर को अयोध्या में धर्म सम्मेलन के बहाने अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगे व 25 नवंबर के बाद ही श्री राम मंदिर मुद्दे की क्या योजना है स्पष्ट नजर आने लगेगी कि क्या वाकई में अयोध्या में राम मंदिर बनेगा या फिर महज दिखावा ही रह जाएगा


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