मऊ: विजली विभाग के अधिशासी अभियंता की लापरवाही के चलते हो सकता है बड़ा हादसा

ऐसे लापरवाह अधिकारियो के चलते सरकार की छवि हो रही धूमिल 

विवेक सिंह

मऊ। की योगी सरकार लाख अधिकारियों को सुधरने की हिदायत देते है लेकिन ये अधिकारी अपनी हरकतों से बाज नही आने वाले है ऐसा ही एक मामला मऊ जिले नगर क्षेत्र के सहादतपुरा नई बस्ती शम्भू सिंह की छावनी स्थित ट्रांफार्मर का है जो लगभग तीन वर्षों से लगातार इस 440 केवीए के ट्रांसफार्मर में आये दिन फाल्ट होने से केबिलो में आग लग जाती है और बिजली विभाग को आनन फानन में सुचना देने पर सबस्टेशन द्वारा बिजली सप्लाई काट दिया जाता है, और कुछ देर बाद बिजली कर्मी आकर तारो को इधर उधर जोड़कर चले जाते है, लेकिन अब यह ट्रांसफार्मर काफी भयावह स्थित में हो गया है जिससे कभी भी कोई भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है।

आपको बता दे कि इस ट्रांसफार्मर में आयेदिन फाल्ट होती रहती है। फाल्ट होने के चलते ट्रांसफार्मर से होने वाले सप्लाई के तारों में कब आग लग जाती है इसका कोई भरोसा नही रहता है, यह ऐसे स्थान पर स्थित है जिससे कई घरों को क्रॉस करते हुये 11 हजार बोल्ट की सप्लाई चलती है ,अब लोगो के अंदर हमेशा यह भय बना रहता है,की ट्रांसफार्मर में कब आग लग जायेगी और पास से गुजरते समय कब किसी ब्यक्ति या बच्चे की जान चली जायेगी।
  वही स्थानीय लोगो में इस घटना को लेकर आक्रोश ब्याप्त है।इस सम्बन्ध में स्थानीय निवासी राम प्रवेश सिंह, वीर बहादुर सिंह, सुरेंद्र सिंह, अभिषेक सिंह आदि कहना है कि इस मामले को लेकर कई बार विद्युत् वितरण खण्ड प्रथम के अधिशासी अभियंता रवि प्रताप से शिकायत किया गया है ,लेकिन आजतक इस मामले में कोई कार्यवाही नही हुयी ।

इस तरह से भी किया जा सकता है इसका निदान

इस मौत के सौदागर से निदान के लिये कई उपाय है जिसके सम्बन्ध में विजली विभाग के थोड़ा सा ध्यान देने पर इसका निदान किया जा सकता है।

     स्थानीय निवासी वीर बहादुर सिंह ने बताया कि इस ट्रांसफार्मर को हटाने के लिये पास में ही भीटे पर 50 से 100 मीटर के बीच में नगरपालिका की काफी खाली जमीन पड़ी हुई है जिस जमीन पर अभी जल्द ही एक ट्रांसफार्मर लगाने के लिये जमीन पर फाउंडेशन भी  बनाया गया है,और 11 हजार वोल्ट के लाइन सप्लाई के तार भी खम्भो पर विछाये जा चुके है और यदि विद्युत विभाग चाहे तो नया ट्रांसफार्मर लगाने वाले स्थान पर ही इस अजित सिंह के नाम से स्थित ट्रांसफार्मर को हटाकर जहा भीटे पर नये ट्रांसफार्मर लगाने के लिये पूरी प्रक्रिया हो चुकी है उसी स्थान पर रखा जा सकता है ।

आखिर अधिकारी क्यों बने मौन

अब प्रश्न यह बनता है कि आखिरकार अधिशासी अभियंता रवि प्रताप इस मामले को क्यों गम्भीरता से नही ले रहे है कही यह मामला पैसे के लेन-दिन के बीच तो नही अटका हुआ है। आपको बता दे की यह बिजली विभाग बिना किसी रूपये के एक भी कार्य नही करते है। चाहे गरीबो को छोटा सा कनेक्शन देने का मामला हो या बिजली सप्लाई का मामला हो, अब देखना यह है कि ये बिजली विभाग के अधिकारी क्या किसी बड़ी दुर्घटना के इन्तजार में है।या फिर पैसे के लेन देन के बीच यह मामला अटका हुआ है।
वही इस सम्बन्ध में बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता से पूछा गया  तो यह भी स्पस्ट जवाब नही दे सके।

पूर्व में जब सपा सरकार थी तो भाजपा नेता काफी बड़े बड़े वादे करते नजर आते थे ,की सरकार बनते ही आम जनता की समस्या को प्राथमिकता पर निस्तारण होगा लेकिन मऊ जिले के अधिकारी अभी पुरानी क्रिया कलापो के आधार पर ही सारा कार्य करते नजर आ रहे । ये अधिकारी भले ही कागजो पर अपने उच्च अधिकारियो को खुश करने के लिये कोटापूर्ति करते हो।लेकिन इन अधिकारियों के क्रिया कलापो से एक बात तो साफ़ है कि चाहे योगी सरकार हो या मोदी सरकार हो यह कार्य अपने ही ढंग से करते है चाहे भले ही जनता की जान चली जाय।ऐसे अधिकारियों के चलते ही सरकार अपनी अच्छे नीतियों के बावजूद खोखली साबित होती है।

ये देखिये लापरवाह अधिशासी अभियंता रवि प्रताप का बयान


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