मध्य प्रदेश सेन्ट्रल जेल से 8 आतंकी फरार, हाई एलर्ट

भोपाल। सेन्ट्रल जेल से आठ आतंकी फरार हो गए। आठों आतंकी सोमवार सुबह मध्य प्रदेश की राजधानी स्थित सेन्ट्रल जेल से भागने में कामयाब हो गए। मामले में इन आतंकियों ने जेल के एक कर्मचारी की हत्या भी कर दी। वहीं एक पुलिसवाले के हाथ-पैर बाँध दिए। फरार आतंकियों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। साथ ही पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है।

आठ आतंकी फरार

सर्च ऑपरेशन के तहत आतंकियों पर पांच-पांच लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है। लेकिन मध्य प्रदेश में ऐसी घटना पहली बार नहीं हुई है। इससे पहले, अक्टूबर 2013 में खंडवा जेल से भी सात आतंकी फरार हो गए थे। हालांकि, उनमें से कुछ पकड़े गए, जबकि कुछ एनकाउंटर में मारे गए थे।
भोपाल जेल को देश की पहली आईएसओ प्रमाणित जेल बताया जाता है। आतंकियों ने तड़के दो से ढाई बजे के बीच वारदात को अंजाम दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भागे गए आतंकियों के नाम मुजीब शेख, माजिद, खालिद, खिलची, जाकिर, सलीम, महबूब और अमजद हैं। ये जेल की बी ब्लॉक से फरार हुए। बैरक तोड़ने के बाद पहले इन्होंने प्रधान आरक्षक रामाशंकर की गला रेतकर हत्या कर दी। बाद में ओढ़ी जाने वाली एक चादर को बतौर रस्सी इस्तेमाल करके जेल की दीवार फांदी। भागने से पहले एक अन्य पुलिसवाले चंदन के हाथ-पैर बांध दिए।

इस घटना को सुरक्षा के लिहाज से बड़ी चूक माना जा रहा है। आतंकियों ने दिवाली के अगले दिन इस वारदात को अंजाम देने के बारे में सोचा। इसके अलावा, एक ही जेल में 30 से ज्यादा आतंकियों को रखने पर भी सवाल उठ रहे हैं। एक टीवी चैनल से बातचीत में पूर्व डीजीपी नंदन दुबे ने भी माना कि जेल की दीवारें कमजोर थीं। नंदन ने कहा कि सिस्टम कमजोर हो चुका है, ऐसे में वक्त आ चुका है कि जेल की सुरक्षा व्यवस्था की दोबारा से समीक्षा की जाए।


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