शारदा नारायन हॉस्पिटल में आधुनिक इंडोस्किोपिक सर्जरी यूनिट का हुआ उद्घाटन

फास्ट इंडिया न्यूज ब्यूरो

मऊ। शारदा नारायन हास्पिटल में "गाइनी इंडोस्किोपिक सर्जरी यूनिट" का शुभारम्भ मुख्य अतिथि व जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारी डा० सतीश चन्द सिंह के द्वारा फिता काट कर किया गया। उदघटना समारोह के अवसर पर प्रेस वार्ता व चिकित्सकीय सेमिनार (CME) का भी आयोजन किया गया। जिसमें पुणे से आमंत्रित विश्वस्तरीय इंडोस्किोपिक सर्जन डा0 काले आशिष रामचन्द्र ने कहा कि मऊ जैसे छोटे शहर में अत्याधुनिक तकनीकी व पद्धति युक्त चिकित्सा सेवाओं को उपलब्ध कराना एक बहुत बडी आबादी के लिए बहुत ही मुश्किल काम है । वही संस्थान के प्रमुख और प्रतिस्थापक डा0 संजय सिह को स्वास्थ्य सेवाओं द्वारा जनकल्याण हेतु किये गए तमाम महत्वपूर्ण कार्यो के लिये सराहना व शुभकामना व्यक्त किया। आगे डा0 अशीष ने मॉडर्न इंडोस्कोपिक सर्जरी(गाइनी) की विशेषताओं के संदर्भ में बताया कि, इस पद्धति से हुए सर्जरी में मरीज अधिक आराम कई सहूलियतें प्रदान किया जाता है। और आज बड़े व विकसित शहरों में अधिकांशतः मेजर सर्जरी दूरबीन पद्धति से ही किया जा रही है । क्योंकि इसमें मरीजों को ठीक होने और काम पर लौटने में कम से कम समय लगता है। वर्तमान समय में व्यस्तता व निरंतरता मानवीय जीवनशैली की मौलिक आवश्यकता बन चुकी है जिसमें आधुनिक इंडोस्कोपिक सर्जरी , स्वास्थ्य कारणों से उत्पन्न व्यवधान को कम से कम समय में पूरा कर के सामान्य स्थिती प्रदान करने में बहुत ही सहायक है क्योंकि कि इससे मरीजों के अस्पताल में भर्ती हो कर स्वास्थ्य लाभ हेतु गुजारने वाले दिनों में बहुत तेजी से कमी आयी है। वर्तमान समय, आधुनिक पद्धति से मेजर सर्जरी के बाद भी मरीज दो या तीन दिन में घर लौटने लगा है। इस अवसर पर शारदा नारायन हास्पिटल कि इंफर्टिलिटि स्पेश्यिलिस्ट डा0 एकिका सिंह ने कहा कि लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (दूरबीन शल्य चिकित्सा पद्धति) द्वारा ऑपरेशन की विशेषताओं को बताते हुए कहा कि, यह विधि मरीजों के लिए एक वरदान साबित हुई है। लेप्रोस्कोपिक सर्जरी में मुख्यतःएक टेलीस्कोप को वीडियो कैमरे के साथ जोड़ा जाता है व टेलीस्कोप को छोटे चीरे के द्वारा (जो कि नाभि के नीचे बनाया जाता है) पेट में डाल कर संपूर्ण पेट की सूक्ष्मता से जाँच की जाती है। चूँकि इस सर्जरी में बहुत ही सूक्ष्म चीरे लगाए जाते हैं एवं पेट की मांसपेशियों को नहीं काटा जाता है, अतः मरीज को इस पद्धति से कम से कम सर्जीकल घाव, ब्लड लॉस(रक्त स्राव), शिघ्र सामान्य होने जैसे कई लाभ प्राप्त होते हैं। शारदा नारायन हॉस्पिटल के कान्फ्रेंस हाल में शाम 7.30बजे आयोजित चिकित्सकीय सेमिनार कि शुरूआत दीप प्रज्वलित करके किया गया तथा इस अवसर पर शारदा नारायन हास्पिटल के डायरेक्टर डा0 संजय सिंह ने आमंत्रित चिकित्सक डा0 आशीष काले को प्रशस्ति पत्र प्रदान करते हुए सम्मानित किया। डा० संजय सिंह ने कहा कि शारदा नारायन हास्पिटल परिवार के तरफ से, डा0 काले आशिष रामचन्द्र जी को मऊ जैसे छोटे जनपद में अपने विशिष्ट सेवाओं को प्रदान करने और सहभागिता दर्ज कराने पर विशेष सम्मान व धन्यवाद देता है। हमारा प्रयास जनपद को हर नवीनतम सुविधा कम खर्च में मुहैया कराना है। जिसके लिए हम अनवरत प्रयासरत है। उपरोक्त एडवासं गाइनी इंडोस्किोपिक सर्जरी यूनिट का शुभारंभ हमारे मिशन का ही एक एक भाग है। जो आगे और काफी कुछ नया आधुनिक जनोपयोगी स्वास्थ्य सेवाओं के प्रतिस्थापक हेतु सार्थक प्रयास जारी रखेगा। कार्यक्रम का संचालन, शारदा नारायन हास्पिटल के क्रिटिकल केयर स्पश्यिलिस्ट डा0 सुजीत सिंह द्वारा किया गया और अपने स्वागत संबोधन में डॉ सुजीत ने उपस्थित चिकित्सकों, अतिथियों को आभार व्यक्त करते हुए, उपस्थिति व उत्साहवर्धन हेतु सम्मान व्यक्त किया।

> इस अवसर पर फोग्सी अध्यक्ष डा0 कुसुम वर्मा, डा0 ओ0एन0वर्मा, डा0 बदरे आलम,डा0 एच0एन0 सिंह, डा0 जे0 राय, डा0 आर0के0 अग्रवाल, डा0 राुहल कुमार,डा0 आर0ए0 राय, डा0 सतीश सिंह,डॉ प्रतिमा,डॉ आशिफ नोमानी,डॉ फरहा नोमानी,नीमा अध्यक्ष डॉ विजय के सिंह,डॉ नासिर अली,डॉ राशिद,डॉ सोहैल डॉ इम्तियाज व मुबारकपुर, मधुबन, दरगाह, कोपागंज घोसी से चल कर आये डाक्टर्स, अजीत सिंह,शिवकुमार ,मनीष,आलोक आदि लोग उपस्थित रहे।


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